Anjum Rehbar Ki Shaayri | अंजुम रहबर की शायरी | love shaayri

मैंने किसी महिला शायर को कभी अंजुम रहबर जी से पहले नहीं सुना था! जब मैं 14-15 वर्ष का था तब मैंने पहली बार टीवी पर किसी शायरा की आवाज़ में शेर और कविता सुनी थी,ये आवाज़ अंजुम रहबर साहिबा की थी! मेरी माँ और मैं दोनों टीवी से चिपक से गए थे, हालाँकि मुझे उतना अच्छा उर्दू का ज्ञान उस समय नहीं था जितना वर्तमान में है और मेरी माँ को तो न कविता का और उर्दू से ही दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध था! 

जो पहली बार आवाज़ मेरे कानों में पड़ा था वो शायरी के ये चंद पंक्तियाँ थी!

anjum rahbar poet
credit- CANVA


जिन
के  आँगन  में  अमीरी  का  शजर  लगता  है

उन का  हर  ऐब  ज़माने  को  हुनर  लगता  है

चाँद  तारे  मिरे  क़दमों  में  बिछे  जाते हैं

ये  बुज़ुर्गों  की  दुआओं  का  असर  लगता  है

माँ  मुझे  देख  के  नाराज़  न  हो  जाए  कहीं

सर  पे  आँचल  नहीं  होता  है  तो  डर  लगता  है

 

वाह-वाह!!! केवल यही शब्द मैं इस शायरी के लिए उस वक्त कहने लगा जब अंजुम रहबर ने अपने नज्मों को विराम दिया! क्या खूब लिखा है अंजुम रहबर साहिबा ने आज के सन्दर्भ में अमीरों के हर बुराई को पैसें की ताकत से दबा दिया जाता है और समाज भी लगभग ऐसा ही हो गया है उसे भी अब अमीर और ताकतवर की  बुराई, बुराई न लग के कोई खूबी-सी लगती है!

हरिवंशराय बच्चन की कविता🔗🔗🔗🔗🔗🔗🔗🔗🔗🔗🔗🔗🔗🔗🔗🔗

दुसरे  छंद में अंजुम जी ने अपने सौभाग्य की वजह बड़े-बुजुर्गो के आशीर्वाद को बताया है और कहा है कि कोई भी दौलत आशीर्वाद और प्रेम से ज्यादा कीमती नहीं हो सकता है! सही मायने में दुआओं में असर बहुत होता है, इस बात से तो लगभग हर कोई सहमत होगा!

आखिरी छंद में अंजुम जी समाज में आये भारी परिवर्तन की तुलनात्मक तरीके से एक कटाक्ष करती है और अपने स्थिति या पौराणिक चलन को दर्शाते हुए कहती है कि वो भी क्या दौर हुआ करता था जब सर पे दुपट्टा नहीं होता था तो बड़े-बुजुर्गों की डांट खानी पड़ती थी, शर्म और लाज उस वक्त में सबसे कीमती चीज थी, आज भी है परन्तु इस पश्चिमी नक़ल ने लगभग हमारे संस्कृति से कुछ लिहाजों को ख़त्म-सा कर दिया है! स्वतंत्रता के नाम पर अश्लीलता पर हमारा समाज कब आ गया और माता-पिता के अनुशाशन को घुटन का रूप दे दिया गया पता ही नहीं चला!

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मेरे विचार में किसी की अमीरी आलीशान महल, महंगे कपडे, या रहन-सहन से नहीं बल्कि उसके आचरण, व्यव्हार, दृष्टिकोण और महत्व किसको देना है इसके चयन से लगता है! स्त्रियों की दशा पहले अच्छी नहीं थी, उन्हें अधिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं थी! इस बात को लेकर हम सहमत है परन्तु आज के वर्तमान समय में भी अमीरी का अर्थ कुछ स्त्रियों के दृष्टिकोण में एकदम अलग प्रकार की स्वतंत्रता लेकर आया है! जिसका आभास आप सभी को है!

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